तेरी याद
खिड़की से झांकती धूप सी नहीं
आँखों में चुभती.
तेरी याद
जैसे बिस्तर पर छूटा
तेरा एक बाल ...
जो सुबह
तेरे जाने के बाद
तकिये के नीचे से
मेरे हाथों में फंसे.. लम्बा सा..
तेरी याद
मेरे घर के गुलदस्ते में रखे
ताज़ा फूलों सी नहीं
जो सारा कमरा भर दे
तेरी याद
वो गुलाब
जो बरसों बाद उठाये
दीवान-ए-ग़ालिब में मिले..
तेरी याद
कमरे के AC सी नहीं
जो सारे बदन में ठंडक भर दे
तेरी याद
जैसे गाँव के पीपल तले सोये हुए "मुझ" को
अचानक छुए
सावन की पहली बयार ..
खिड़की से झांकती धूप सी नहीं
आँखों में चुभती.
तेरी याद
जैसे बिस्तर पर छूटा
तेरा एक बाल ...
जो सुबह
तेरे जाने के बाद
तकिये के नीचे से
मेरे हाथों में फंसे.. लम्बा सा..
तेरी याद
मेरे घर के गुलदस्ते में रखे
ताज़ा फूलों सी नहीं
जो सारा कमरा भर दे
तेरी याद
वो गुलाब
जो बरसों बाद उठाये
दीवान-ए-ग़ालिब में मिले..
तेरी याद
कमरे के AC सी नहीं
जो सारे बदन में ठंडक भर दे
तेरी याद
जैसे गाँव के पीपल तले सोये हुए "मुझ" को
अचानक छुए
सावन की पहली बयार ..