हर घर में होता है
सारा संसार
बाग़ गलियारे,
मौसम सारे
वेदना की खाई, महत्वाकांक्षा के पहाड
हंसी के फव्वारे, आहों के अम्बार
हर कमरे में मिलती है
धुप, छाँव, और बारिश
रूठने के बादल से,
इन्द्रधनुष की गुज़ारिश ।।
सारा संसार
बाग़ गलियारे,
मौसम सारे
वेदना की खाई, महत्वाकांक्षा के पहाड
हंसी के फव्वारे, आहों के अम्बार
हर कमरे में मिलती है
धुप, छाँव, और बारिश
रूठने के बादल से,
इन्द्रधनुष की गुज़ारिश ।।